Priyanka06

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लेखनी कहानी -03-Jun-2022 नारी का जीवन है अनमोल

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-नारी का जीवन है अनमोल

नारी का जीवन है अनमोल,
फिर नारी क्यू कहलाए बोझ।

क्या समर्पित ही कहलाए नारी,
हमेशा देती बलिदानों की आहुति।

दो दो घर की लाज है वो,
बखूबी से निभाती है आज वो।

घर की गृहणी कहलाती है,
दिन रात काम करती।
घर को संभालती है,
फिर भी  संवेदना सहे वो।

द्रोपती सीता ने कहा,
सब कुछ अर्पण में।
पद्मावती, झांसी जैसी हुई वीरांगना,
जिनकी सुनी है हमने गाथा।

रजिया सुल्तान ने संभाली राजगद्दी।
मदर टेरेसा जैसी नारी,
बनी गरीब की मसीहा।।

कल्पना चावला जैसी महिला,
लिखा इतिहास अंतरिक्ष में पहला।

अंतरिक्ष से माउंट एवरेस्ट तक,
रही नारी की महिमा।
प्रतिभा पाटिल जैसी महिला,
बनी पहली राष्ट्रपति महिला।

राष्ट्रपति से सरपंच तक होता उनका राज,
शासन करती नारियां बखूबी आज।

काली माता बनकर करती राक्षसों का संघार,
क्या नहीं करती नारियां।
मां से लेकर पत्नी तक,
करती वो समर्पित अंत तक।

नारी का जीवन नहीं है बोझ,
नारी का जीवन कहलाए अनमोल।

नॉनस्टॉप प्रतियोगिता2022 भाग-8

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7 Comments

Saba Rahman

04-Jun-2022 11:22 PM

Osm

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Seema Priyadarshini sahay

04-Jun-2022 05:35 PM

बहुत खूबसूरत

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Gunjan Kamal

04-Jun-2022 02:03 PM

शानदार

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